Shodashi for Dummies

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You will find hundreds of great things about chanting the Shodashi Mantra, from which The main ones are described beneath:

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

Her representation is just not static but evolves with creative and cultural influences, reflecting the dynamic nature of divine expression.

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥

She is definitely the one owning extreme elegance and possessing energy of delighting the senses. Thrilling intellectual and psychological admiration from the three worlds of Akash, Patal and Dharti.

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

Celebrated with fervor throughout Lalita Jayanti, her devotees request her blessings for prosperity, wisdom, and liberation, discovering solace in her several sorts along with the profound rituals related to her worship.

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

यहां पढ़ें here त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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